गोपेश्वर (चमोली)। प्रसिद्ध पर्यावरणविद सर्वोदयी नेता, चिपको आंदोलन में अग्रणीय भूमिका अदा करने वाले समाज के स्तंभ, वंचित शोषित पीड़ित की निरंतर सेवा करने वाले समाज सेवी मुरारीलाल अब हमारे बीच नहीं रहे। शुक्रवार की तड़के ऋषिकेश एम्स में उनका निधन हो गया।

मुरारी लाल जी का जन्म गोपेश्वर मुख्यालय के निकटस्थ गांव पपड़ियाणा में 10 अक्टूबर 1933 को पिता यशकयी छोटियालाल, माता सदरी देवी के घर में हुआ था। वे अपने पीछे पुत्र नरेंद्र भारती, बिहारीलाल, पुत्री गौरादेवी को छोड़ गए। उन्होंने 1970 की बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में पौधरोपण करवाया, जनपद चमोली में मद्यनिषेधका प्रचार प्रसार का कार्य किया। 1975-76 में भूमि आवंटन, भूमिहीनों को पट्टा दिलवाने 1995 से 99 तक ग्राम्य विकास अभिकरण चमोली में मनोन्नित सदस्य रहे। वर्ष 1975 में पपड़ियाणा गांव में श्रमदान से विद्यालय का निर्माण करवाया, अपने गांव पपड़ियांना में महिलाओं के सहयोग से बांज के पेड़ों का सुंदर जंगल विकसित किया। 1970-71 के भू आंदोलन में बढ़चढ़ कर प्रतिभाग किया। आप ने जंगल जमीन ही नहीं नशा मुक्त समाज निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया। अब वे हमारे बीच नहीं रहे लेकिन आप के किए गए कार्य समाज के मन पटल पर अस्मरणीय बने रहेंगे। जनपद चमोली के विभिन्न संगठन वैचारिक महासभा, सेवा स्तम्भ, अनुसूचित जाति जनजाति शिक्षक एसोसिएशन, शिल्पकार सभा, मूलनिवासी संघ, कर्मचारी कल्याण महासंघ, अंबेडकर छात्रावास, बामसेफ चमोली ने अपनी श्रद्धाजंलि अर्पित की है। शोक संतप्त परिवार को तथागत दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करे। उनका पार्थिव शरीर ऋषिकेश से गोपेश्वर लाया जा रहा है।

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