24 नवंबर को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में एक शर्मनाक घटना घटी जिसमें उत्तराखंड के चमोली जनपद के युवा विपिन रावत जो रोजगार के लिए अपने गांव मूल को छोड़कर पहुंचे थे राजधानी में जिनकी आंखों में कई सारे सपने और उम्मीद थी परंतु 24 नवंबर की घटना ने यह सारे सपने उम्मीदें तोड़ के रख दी।

24 नवंबर की रात को साथियों के साथ खाना खाने के लिए विपिन रावत रेस्टोरेंट्स मैं गए थे जहां कुछ आपत्तिजनक लड़कों द्वारा उनके साथियों के साथ दुर्व्यवहार किया गया इसके विरोध में बिपिन रावत ने आवाज उठाई परंतु उन लड़कों द्वारा बेसबॉल के डंडे से विपिन रावत की पिटाई कर दी गई इसके उपरांत विपिन रावत हॉस्पिटल में भर्ती हो गए लंबे समय से अस्पताल में इलाज के दौरान आज सुबह विपिन रावत की मृत्यु हो गई और पहाड़ लाल बेमौत मारा गया।

क्या विपिन रावत के दोषियों को सजा मिल पाएगी??

क्या पहाड़ के लोग अपनी ही राजधानी में सुरक्षित नहीं है?

क्या इंसाफ की जंग केवल सोशल मीडिया के प्लेटफार्म ऊपर ही लड़ी जाएगी क्या यही इंसाफ मिलेगा??

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