गोपेश्वर (चमोली)। मूल निवासी संघ ने संस्कृत विद्यालयों तथा महाविद्यालयों में आरक्षित पदों पर नियुक्ति न देने पर नाराजगी जताते हुए राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की गुहार लगाई है।
मूल निवासी संघ के सुमन, धीरज व मनीष ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री, संस्कृत शिक्षा मंत्री, मुख्य सचिव, संस्कृत शिक्षा सचिव तथा नेता प्रतिपक्ष को जिलाधिकारी के माध्यम से भेज ज्ञापन में कहा है कि शासन से स्वीकृत आरक्षित वर्ग के सियासी पदों पर नियुक्ति के लिए सहायता प्राप्त संस्कृत विद्यालयों तथा महाविद्यालयों में विज्ञप्ति जारी नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि रिक्तियों को भरे जाने के लिए विज्ञप्ति जारी न होने मूल निवासियों को नियुक्ति का अवसर नहीं मिल पा रहा है। ज्ञापन में कहा गया है कि मौजूदा दौर में संस्कृत विद्यालयों तथा महाविद्यालयों की प्रबंधन समिति के पदाधिकारियों ने सरकार के आदेशों का पालन नहीं किया है। संस्कृत विद्यालयों /महाविद्यालयों में प्रबंधकीय व्यवस्था पर क्रमशः 155 एवं 126 शिक्षक नियुक्त किए गए हैं। इनमें आरक्षण नियमों को उल्लघंन किया गया है। सरकार द्वारा उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय परिनियमावली 2011 तथा उत्तराखंड संस्कृत शिक्षा विनियामवली का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। यहां तक कि रिक्त पदो ंके लिए अनुमति नहीं ली गई है। चयन समिति का भी गठन नहीं किया गया है। इनमें नाते रिश्तेदारों को नौकरी दी जा रही है। इन विद्यालयों तथा महाविद्यालयों में रिक्त पदों के विज्ञापन के लिए अब समय भी निकलता जा रहा है। बैकडोर से नियुक्ति की यह व्यवस्था नियुक्ति के प्रति अन्याय है। उन्होंने आरक्षित वर्ग के युवकों को नौकरी देने के लिए आरक्षण प्रावधानों का अनुपालन करने पर जोर दिया है।

