उत्तराखंड चार धाम यात्रा बहुत ही जल्द शुरू होने वाली है इसी क्रम में बाबा केदार नाथ जी जो अपनी सुंदरता और आस्था के लिए जाने जाते हैं उनकी यात्रा के दौरान आने वाले पहले पड़ाव जो गौरीकुंड के नाम से प्रसिद्ध है जहां माना जाता है कि माता गौरी स्नान के लिए आया करती थी
आज के समय में गौरीकुंड को देखते हुए ऐसा लगता है जैसे इसकी सुंदरता और आस्था को मानव अपने ही हाथ से और अपने लोभ के लिए मिटाते जा रहा है कुछ तस्वीरें ये बयां करती है मानव चंद पैसों के लिए अपने ईमान को बेच कर लाखों लोगों की आस्था के साथ खेल खेल रहा है सरकार द्वारा करोड़ों रुपयों की घोषणा सफाई से लेकर अन्य कार्यों के लिए की जाती है परंतु सारी घोषणा और प्लानिंग जमीनी स्तर पर आते आते धरी की धरी रह जाती है.
प्रशासन और शासन द्वारा क्या कभी इन कार्यों में पारदर्शिता दिखाई जाएगी?