गोपेश्वर (चमोली)। ऐतिहासिक औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक गौचर मेले की तैयारियां शुरू हो गई है। इसके चलते व्यवस्थाओं को अभी से चाक चौबंद करने पर जोर दिया गया है।
आगामी 14 नवम्बर से शुरू होने वाले राजकीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक गौचर मेले की तैयारियों को लेकर मंगलवार को मेला अध्यक्ष व जिलाधिकारी संदीप तिवारी की अध्यक्षता में गौचर में हुई बैठक में मेले को भव्य स्वरूप देने पर जोर दिया गया। मेलाधिकारी व उपजिलाधिकारी सोहन सिंह रांगड़ ने बताया कि मेले के खाते में ब्याज सहित कुल 57,206 रुपये की राशि अवशेष पड़ी है। इसके आधार पर इस वर्ष के मेले को भव्य और दिव्य स्वरूप देने हेतु योजनाबद्ध तैयारी की जा रही है।
सामाजिक कार्यकर्ता भुवन नौटियाल ने कहा कि मेले को भव्य स्वरूप देने के लिए कम से कम 50 लाख रुपये की धनराशि की जरूरत होगी। इस आधार पर शासन से 50 लाख रुपये की मांग की जानी चाहिए। उन्होंने नंदा देवी राजजात यात्रा को मेले से जोड़कर प्रचार-प्रसार करने का भी सुझाव दिया। व्यापार संघ अध्यक्ष राकेश लिंगवाल ने जनभावनाओं के अनुरूप मेले के आयोजन की आवश्यकता बताते हुए दुकानों के किराये में कमी लाने का आग्रह किया। हरिकेश भट्ट ने कहा कि मेले के माध्यम से युवाओं को आपदा प्रबंधन एवं बचाव का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। सुरेन्द्र कनवासी ने आपदा प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए आर्थिक सहयोग की अपील की तथा दुकानों के आवंटन में पारदर्शिता बनाए रखने पर बल दिया। इस दौरान बैठक में स्थानीय लोगों ने सुझाव दिया कि मेले में आने वाले छात्र-छात्राओं के लिए करियर काउंसलिंग स्टॉल बनाए जाने चाहिए। चैतन्य बिष्ट ने कहा कि स्किल इंडिया योजना के तहत युवाओं को स्वरोजगार प्रशिक्षण देने हेतु विशेष स्टॉल लगाने होंगे। सभासदों ने गौचर मेले को एक आदर्श मेला के रूप में विकसित करने के लिए मेले परिसर में प्लास्टिक प्रतिबंध लागू करने की मांग की। इसके साथ ही पेयजल, पार्किंग, सुरक्षा एवं स्वच्छता व्यवस्था को लेकर विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने पर बल दिया गया।
कर्णप्रयाग के पालिकाध्यक्ष गणेश शाह ने कहा कि गौचर मेला हमारी सांस्कृतिक विरासत और गौरव का प्रतीक है। इसे भव्यता और परंपरा के साथ मनाने के हरसंभव प्रयास होने चाहिए।
जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने वाल्मीकि जयंती की शुभकामनाएं देते हुए सभी जनप्रतिनिधियों, व्यापारियों, अधिकारियों और स्थानीय नागरिकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि बैठक में प्राप्त सभी सुझावों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। कहा कि करियर काउंसलिंग स्टॉल की व्यवस्था छात्रों के लिए उपयोगी होगी तथा स्थानीय कलाकारों को मंच प्रदान कर उनकी प्रतिभा को प्रोत्साहन दिया जाएगा। प्लास्टिक मुक्त मेला बनाना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। इसके लिए प्रशासन व जनता दोनों को मिलकर प्रयास करने होंगे। उन्होंने भरोसा दिया कि दुकानों के किराये और आवंटन प्रक्रिया से संबंधित विषयों पर उचित विचार विमर्श कर पारदर्शी निर्णय लिया जाएगा।
इस दौरान अपर जिला अधिकारी विवेक प्रकाश, जिला विकास अधिकारी केके पंत स्थानीय लोग, जनप्रतिनिधि, व्यापारी वर्ग एवं जनपद स्तरीय अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।

