ग्रामीण कुर्सी की डंडी बनाकर अस्पताल ला रहे थे गर्भवती महिला को

गोपेश्वर (चमोली)। सरकार चाहे किसी की भी पर जिस प्रकार से स्वयं को महिमा मंडित और अपने विकास कार्यों का बखान करते हुए थकते नहीं, उनकी पोल तब खुल जाती है जब सड़क और स्वास्थ्य के अभाव में या तो बीमार रास्ते में दम तोड़ देता है या गर्भवती महिलाऐं रास्ते में ही बच्चे को जन्म देने के लिए विवश हो जाती है।

घटना चमोली जिले के दशोली विकास खंड के निजमूला घाटी की है। जहां पाणा गांव की नंदी देवी पत्नी भरत सिंह को गुरूवार की रात्रि को प्रसव पीड़ा हुई। देर रात तक जब प्रसव नहीं हुआ तो ग्रामीण शुक्रवार को महिला को कुर्सी की पालकी बनाकर अस्पताल के लिए लाये। लेकिन जैसे ही गांव से तीन किलोमीटर नीचे कुल गदेेरे के पास महिला की प्रसव पीड़ा बढ़ गई। जिससे महिला को कुर्सी से नीचे उतार कर साथ में आयी अन्य महिलाओं उसे प्रसव करवाया। महिला में रास्ते में ही एक स्वस्थ बेटे को जन्म दिया है। जच्चा-बच्चा दोंनों ही स्वस्थ है।

ग्राम प्रधान पाणा कलावती देवी ने बताया कि पीएमजीएसवाई की ओर से झींझी गांव के पास मोटर पुल क्षतिग्रस्त हो रखा है। जिसका निर्माण कार्य अधा अधूरा पड़ा हुआ है। इस संबंध में कई बार विभाग को लिखा जा चुका है लेकिन विभाग उनकी बात को अनसूना कर रहा है नतीजा यह है कि ग्रामीण पैदल चलने को मजबूर है और आय दिन इस तरह की घटना घटित हो रही है। उन्होंने यह भी बताया कि ईराणी गांव में एक उप स्वास्थ्य केंद्र है लेकिन वहां के फार्मेसिस्ट को तथा वेलनेस सेंटर के सीएचओ को यात्रा ड्यूटी पर भेजा गया है। साथ ही एएनएम गोपेश्वर मुख्यालय में है।  जिससे उन्हें स्वास्थ्य सुविधा का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। गर्भवती महिला को कुर्सी के सहारे अस्पताल लाने वालों में ग्रामीण हिम्मत सिंह, कान सिंह, प्रदीप सिंह, प्रकाश सिंह, महेंद्र सिंह, दिलबर सिंह, आशा, पुष्पा देवी आदि शामिल थे।

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