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गोपेश्वर (चमोली)। अलकनंदा भूमि संरक्षण वन प्रभाग और नव ज्योति महिला कल्याण संस्थान की ओर से शनिवार को चमोली जिले के दशोली विकास खंड के कम्यार गांव में ग्रामीणों के साथ बैठक कर वन पंचायतों को सशक्त बनाने के लिये बनाये जा रहे माइक्रोप्लान की जानकारी ग्रामीणों को दी गई ताकि प्राथमिकता के आधार पर विभागीय कार्यों को किया जा सके।

कम्यार गांव में आयोजित बैठक में संस्था के सचिव महानंद बिष्ट ने कहा कि अब सरकार वन पंचायतों को मजबूती के लिए गांव के लोगों के साथ बैठ कर माइक्रोप्लान तैयार कर रही है। इस माइक्रोप्लान के आधार पर ग्रामीणों के साथ हुई चर्चा परिचर्चा में उभरे हुए कार्यो को प्राथमिकता प्रदान की जायेगी। अन्य कार्यों को प्लान में रखकर विभागों से कार्यो के बारे में बताया जा सकेगा। संस्था की समन्यवक पायल बिष्ट ने कहा कि गांवों में वन पंचायते तो गठित हैं लेंकिन इन वन पंचयतों के माध्यम से कोई कार्य नही हो पा रहे थे। इसलिए वन पंचायतें सक्रिय नही हो पा रही थी। इस लिए अब माइक्रोप्लान के आधार योजनाऐं बना कर वन पंचायत के माध्यम से कार्य करवाये जा सकेंगे। उन्होनें कहा कि माइक्रोप्लान को तैयार करने में ग्रामीणों की अहम भूमिका है। इसलिए ग्रामीणों की भागीदारी होनी जरूरी है। ईशा बिष्ट ने कहा कि विभाग की गाइड लाइन के आधार पर ही ग्रामीणों के कार्यो को प्राथमिकता प्रदान की जा रही है। सरपंच प्रदीप सिंह रावत ने कहा कि ग्रामीणों के साथ बैठकर उनकी मांगों के आधार पर किये जाने वाले कार्य सार्थक होगें। उन्होंने कहा कि वन पंचायत की ओर से पूरा सहयोग प्रदान किया जायेगा। वन आरक्षी अरविंद फरस्वाण ने कहा कि वनों की रक्षा के लिये ग्रामीणों को सबसे अधिक सहयोग की जरूरत है। इसलिये प्लान में वनों की आग से सुरक्षा के क्षेत्र में कार्य होने चाहिये। इस मौके पर लक्ष्मी प्रसाद, दिलवर सिंह, देवेन्द्र सिंह, सौरभ सिंह, सुरेन्द्र सिंह, मंगसीरी देवी आनंदी देवी, हरी नेगी आदि मौजूद थे।

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