थराली (चमोली)। जिलाधिकारी चमोली हिमांशु खुराना थराली विकासखंड के आपदाग्रस्त पैनगढ़ गांव पहुंचे। जहां पर उन्होंने भूस्खलन का जायजा लेते हुए पीड़ितों से मुलाकात कर आवश्यक जानकारी प्राप्त की।उस दौरान उन्होंने पीड़ितों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया एवं तहसील प्रशासन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

मंगलवार को पैनगढ़ गांव पहुंचे जिलाधिकारी ने सबसे पहले भूस्खलन हो रही पहाड़ी का जायजा लेते हुए भूगर्भ विभाग के अधिकारियों से आवश्यक जानकारियां प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त मकानों का स्थलीय निरीक्षण करते हुए पीड़ितों से जानकारी प्राप्त की। डीएम ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय के प्रांगण में पीड़ितों से मुलाकात करते हुए उनके दुःख तख्लीप जानने का प्रयास किया। पीड़ितों ने स्थाई विस्थापन होने तक अस्थाई विस्थापन शिविरों में पानी, बिजली सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं को मुहैया कराने की मांग की। जिस पर डीएम ने एसडीएम थराली रविंद्र जुवांठा को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने मलबे की चपेट में आये एक ही परिवार के चार मृतको के प्रति अपनी गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए भूस्खलन की जद में रह रहे परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर उनकी व्यवस्था करने के स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए।

आपदाग्रस्त गांव में ही पत्रकारों से बातचीत करते हुए डीएम ने कहा कि भूस्खलन की जद में रह रहे परिवारों के विस्थापन की कार्रवाई तेजी से की जा रही है। विस्थापन की प्रकिया पूरी होने तक इन परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह से गंभीर है। पीड़ितों को हरसंभव सहायता दिए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं।  इस दौरान जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनके जोशी, सूना वार्ड के जिला पंचायत सदस्य देवी जोशी, क्षेत्र पंचायत सदस्य हरेंद्र बिष्ट, ग्राम प्रधान जानकी देवी, पूर्व के चंद्र सिंह गाड़िया, अनिल देवराड़ी, उमेश पुरोहित, राजस्व निरीक्षक जगदीश प्रसाद गैरोला, पटवारी चंद्र सिंह बुटोला, राजकुमार सिद्ववान आदि ने जिलाधिकारी को आवश्यक जानकारियां दी।

वृद्ध महिलाओं के आंशुओं को देख हुए भावुक डीएम 

वृद्ध महिला के आंशुओं को देख कर जिलाधिकारी हिमांशु खुराना काफी भावुक नजर आए। दरअसल जब डीएम क्षतिग्रस्त मकानों का स्थलीय निरीक्षण कर रहे थे तों एक वृद्धा हीरा देवी पत्नी गोपाल दत्त पुरोहित जिनकी दो मकाने आपदा से पूरी तरह से जमिदोज हों गई हैं। वें रो-रोकर जब गढ़वाली भाषा में अपनी आपबीती सुनाने लगी तों उस दौरान डीएम भी काफी भावुक नजर आए।

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