कर्णप्रयाग (चमोली)। भाकपा (माले) ने चमोली जिले के कर्णप्रयाग में शनिवार को पार्टी की 54वीं वर्षगांठ मनायी। इस मौके पर भाकपा(माले) के संस्थापक महासचिव कामरेड चारु मजूमदार और पार्टी के सभी संस्थापक नेताओं समेत उन सभी साथियों को क्रांतिकारी श्रद्धांजलि दी गई जिन्होंने इन 54 सालों में पार्टी को बनाने और क्रांतिकारी आन्दोलन को अग्रगति देने के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया।
गौरतलब है कि 22 अप्रैल दुनियां की पहली समाजवादी क्रांति के रचनाकार और मजदूर वर्ग के महानतम शिक्षक लेनिन का जन्मदिन भी है। लेनिन को श्रद्धाजंलि देते हुए उनकी महान क्रांतिकारी विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया गया। भाकपा(माले) के राज्य सचिव इन्द्रेश मैखुरी ने कहा कि धार्मिक और भाषायी सीमाओं से ऊपर उठ कर जनता के सभी तबकों में एकता और एकजुटता के बंधन को मजबूत करना बहुत जरूरी है। मजदूर और किसान, पुरुष और महिलायें, हिन्दू और मुसलमान सभी को एक साथ आकर फासीवाद को शिकस्त देकर लोकतंत्र और भारत को बचाना होगा। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे मोदी-अदानी गठजोड़ की पोल खुल रही है और मंहगाई, बढ़ती बेरोजगारी और दमनकारी बुलडोजर राज के खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ रहा है, मोदी सरकार और संघ ब्रिगेड की परेशानी बढ़ रही है। इसी के साथ मोदी राज विपक्ष का दमन, न्यायपालिका समेत लोकतंत्र की सभी संस्थाओं का अपहरण और नागरिकों की सभी संवैधानिक स्वतंत्रताओं को बाधित करने में पूरी तरह से जुट गया है।
माले राज्य सचिव ने कहा कि भाजपा राज में उत्तराखंड जीवन, रोजगार और संसाधनों की लूट का राज्य बन कर रह गया है। महिलाओं और दलितों पर हमले बढ़ गए हैं। रोजगार के अवसरों की लूट निर्बाध रूप से पूरे देश में जारी है। मध्य प्रदेश के व्यापम के बाद भाजपा शासित उत्तराखंड युवाओं के सपनों, आकांक्षाओं और रोजगार के अवसरों की लूट के बड़े किले के रूप में उभरा है। विधानसभा से लेकर यूकेएसएसएससी और उत्तराखंड लोकसेवा आयोग तक, सब नौकरी के लुटेरों के निशाने पर है। नौकरियों की इस लूट में सारे प्रमुख आरोपितो का संबंध भाजपा से है और इसीलिए राज्य सरकार नौकरियों की लूट की सीबीआई जांच करने से कतरा रही है.
पार्टी स्थापना दिवस पर भाकपा(माले) को मजबूत करने और जनता की व्यापक फासीवाद विरोधी एकता का निर्माण करने की पुरजोर कोशिशें करने की शपथ ली गई। बैठक में जन संस्कृति मंच के राष्ट्रीय पार्षद मदन मोहन चमोली, गढ़वाल कमेटी सदस्य किशन सिंह बिष्ट, अतुल सती, भरत चैकियाल, दिनेश डिमरी, कपूर सिंह रावत आदि शामिल थे।