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गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले में बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बीते तीन वर्षों में 92 बच्चों को मिला उपचार का लाभ मिला है जबकि तीन वर्षों में कार्यक्रम के तहत 2 लाख 26 हजार 592 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।

केंद्र सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम चमोली में बच्चों के उपचार के लिए संजीवनी साबित हो रहा है। बड़े पैमाने पर शून्य से 18 वर्ष तक के बच्चों में पाई जाने वाली बीमारियों और कुपोषण की समस्याओं का योजना से उपचार करवाया जा रहा है। इससे बच्चों को सर्वांगीण विकास और स्वस्थ जीवन की परिकल्पना जमीन पर उतरने लगी है। जनपद चमोली में योजना के तहत तीन वर्षों में 2 लाख 26 हजार 592 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है जबकि 92 बच्चों को उपचार के लिए हायर सेंटर में सुविधाओं उपलब्ध कराई गई हैं।

मुख्य चिकित्साधिकारी डा. अभिषेक गुप्ता ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2013 में बच्चों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की मंशा से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम का संचालन शुरु किया था। इसके तहत आंगनबाड़ी केंद्र और सराकरी विद्यलायों में अध्यययनरत 18 वर्ष तक के बच्चों को 10 लाख तक के उपचार की सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है। बताया कि जनपद चमोली में बीते तीन वर्षों में 2 लाख 26 हजार 592 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण और 92 बच्चों का जनपद से बाहरी क्षेत्र के चिकित्सालयों में उपचार करवाया गया है। बताया कि वर्ष 2023-24 में जनपद में 98 हजार 836 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण व 32 बच्चों का जनपद से बाहर के चिकित्सालयों में उपचार करवाया गया। जबकि वर्ष 2024-25 में 91 हजार 26 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण व 38 बच्चों का बाहरी क्षेत्र के चिकित्सालयों में उपचार करवाया गया। मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में वर्तमान तक 36 हजार 730 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करवाया गया है। जबकि 22 बच्चों को उपचार के लिए हायर सेंटर की सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है।

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