गोपेश्वर (चमोली)। मंडल घाटी के बणद्वारा गांव के गरीब परिवार के राहुल नेगी ने संघर्ष के बल पर प्रभारी जिला खान अधिकारी/खान निरीक्षक के पद पर तैनाती पाकर मुकाम हासिल कर दिया है।

बणद्वारा गांव के दिवंगत शूरबीर सिंह नेगी के बेटे राहुल नेगी ने प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही स्कूल से ग्रहण की। इसके बाद जूनियर से लेकर इंटरमीडिएट की पढ़ाई राजकीय इंटर कालेज बैरागना से की। स्नातक तथा भू विज्ञान से स्नातकोत्तर की पढ़ाई के लिए राहुल ने राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर क ी शरण ली। पढ़ाई के दौरान ही पिता की मौत हो गई। इससे पारिवारिक स्थिति बिगड़ गई और पढ़ाई लिखाई पर भी संकट घिर गया। पिता की मौत के बाद राहुल ने संघर्ष का रास्ता चुना और 2016 में डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के  भू विज्ञान प्रोजेक्ट में राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय पिथौरागढ़ में काम किया। इसी दौरान उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय से राहुल ने पीएचडी की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की। भू विज्ञान में शोध कार्य के लिए पिथौरागढ़ को ही मुकाम बनाया। वर्ष 2020 में उत्तराखंड राज्य के आपदा प्रभावित गांवों में भू गर्भीय सर्वेक्षण का कार्य प्रोजेक्ट भू वैज्ञानिक के रू प में किया। आपदा प्रभावित गांवों एवं विस्थापन हेतु प्रस्तावित गांवों की रिपोर्ट शासन को पेश की। वर्ष 2022 में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में सहायक भू वैज्ञानिक तथा खान निरीक्षक की परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात साक्षात्कार के जरिए नौकरी पक्की कर ली। मौजूदा समय में राहुल नेगी की तैनाती पिथौरागढ़ में प्रभारी जिला खान अधिकारी/ खान निरीक्षक के पद पर हुई है। राहुल का कहना है कि माता—पिता के सपनों को पूरा करने के लिए विपरीत परिस्थितियों में भी उसने हार नहीं मानी। इसी जिद्द से उसे सफलता मिली है। बेहद गरीब परिवार से तालुक रखने वाले राहुल की इस सफलता को लेकर मंडल घाटी में खुशी का माहौल है और लोग राहुल से प्रेरणा लेकर अपने बच्चों को आगे बढऩे की नसीहत दे रहे हैं। राहुल के चाचा रणधीर सिंह नेगी का कहना है कि बेटे की सफलता पर परिजनों समेत पूरे इलाके के लोगों को नाज है।

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