परियोजनाओं और विस्थापन का कैसा नाता है जो उत्तराखंड में खत्म होने का नाम ही नहीं ले पाता राज्य में कहीं नगरों में गांवों में विभिन्न परियोजनाओं की शुरुआत राज्य के बनने के साथी चलती आ रही है।
परियोजना शब्द का अर्थ हम लगाए तो किसी लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु जो विस्तृत कार्य योजना बनाई जाती है परंतु उत्तराखंड में परियोजनाओं का लक्ष्य यहां के पहाड़ी इलाकों को विस्थापित करना लगता है क्योंकि जब से उत्तराखंड राज्य बना है तब से अब तक कहीं गांव और पहाड़ी नगर परियोजनाओं की बलि चढ़ते आ रहे है टिहरी गढ़वाल से लेकर चमोली के पहाड़ तक।
एक बार फिर ऐसा ही मंजर नजर आ रहा है जोशीमठ शहर के रूप में जो आजकल सोशल मीडिया पर हजारों लोगों की पोस्टों पर आवाज उठा आ रहा है।
ना जाने क्यों इस राज्य की किस्मत में ना अच्छे नेता है और ना ही अभियंता हर किसी की नाकामी ये बताती है उत्तराखंड का भविष्य किस ओर जा रहा है ।