जोशीमठ (चमोली)। भूधंसाव प्रभावित जोशीमठ को बचाने के लिए जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले चल रहे आंदोलन में अब महिलाऐं भी मुखर होकर आगे आने लगी है। सोमवार को महिलाओं ने सरकार से मांग की है कि भूधंसाव प्रभावित परिवरों को विस्थापन जोशीमठ के निकटवर्ती क्षेत्र में करने की मांग की है। उनका कहना है कि वे अपनी  जन्मभूमि को छोड़ कर अन्यत्र नहीं  जाना चाहते है।

जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के आंदोलन को अपना समर्थन देने पहुंची तीन सौ से अधिक महिलाओं ने एक हस्ताक्षर युक्त पत्र सरकार को भेज कर कहा है कि वे जोशीमठ को छोड़कर कहीं और नहीं जाना चाहती है। आंदोलन को समर्थन देने पहुंची, कल्पेश्वरी, सुनीता सती, पूनम चैहान, लीला देवी, रीना नेगी आदि का कहना है कि उन्होंने संकल्प लिया है कि वे आखिरी दम तक संघर्ष समिति के साथ आंदोलन में खड़ा रहेंगी और जोशीमठ बचाने की मुहिम में कंधा से कंधा मिलाकर संघर्ष करेंगी। उन्होंने कहा कि जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति की ओर से सरकार को जिन स्थानों पर विस्थापन की मांग की है उन्हीं स्थानों पर उनका विस्थापन किया जाए। इससे इत्तर उन्हें अन्य कोई स्थान मंजूर नहीं है। यदि सरकार इसके अलावा अन्य स्थानों पर विस्थापन की बात करती है तो वह उन्हें मंजूर नहीं है। इसलिए सरकार को चाहिए कि उनका विस्थापन संघर्ष समिति की ओर से चिह्नित  स्थानो पर ही किया जाए।

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