हरिद्वार। सामाजिक कार्यकर्ता वासु सिंह निवासी एस. एल 177 भभूतावाला बाग, शिवलोक कॉलोनी रानीपुर हरिद्वार ने प्रदेश के राज्यपाल महोदय को पत्र प्रेषित कर आरोपियों को संरक्षण प्रदान करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने के आदेश पारित करने की गुहार लगाई है।
राज्यपाल को भेजे पत्र में वासू सिंह ने कहाकि उच्च न्यायालय उत्तराखंड नैनीताल में दायर जनहित याचिका संख्या 02/2011 में पारित निर्णय आदेश दिनांक 3 जनवरी 2012 के अनुसार श्री मनसा देवी मंदिर, श्री चंडी देवी मंदिर तथा हर की पैड़ी क्षेत्र की सुचारू व्यवस्था के लिए उपरोक्त स्थलों पर संचालित ट्रस्ट, समिति में हरिद्वार के जिलाधिकार व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार को पदेन सदस्य नामित किया हुआ है, लेकिन इसके बाद भी उपरोक्त स्थलों की व्यवस्था दिन व दिन बिगड़ती जा रही है। कहाकि श्री मां मनसा देवी मंदिर की व्यवस्था करने वाली कथित ट्रस्ट श्री मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट आज भी अपंजीकृत श्रेणी में है, लेकिन इसके बाद भी गैर कानूनी तरीके से इस ट्रस्ट का संचालन प्रभावशाली व्यक्ति रविंद्र पुरी शिष्य रामानंद पुरी, निरंजन देव और इनके सहयोगी अनिल शर्मा और दिगंबर राजगिरी शिष्य रविंद्र पुरी द्वारा अवैध रूप से किया जा रहा है। वासू सिंह ने कहाकि यहां यह उल्लेखनीय है की मंदिर के खातों का संचालन भी इन्हीं आरोपियों द्वारा किया जा रहा है। आरोपी फर्जी तरीके से आम जनता के साथ धोखाधड़ी कर खुद को ट्रस्ट का अध्यक्ष व ट्रस्टी होना प्रचारित व प्रसारित कर रहे हैं।
जबकि यह ट्रस्ट अपंजीकृत श्रेणी मंें है और न्यायालय के आदेश अनुसार मंदिर, ट्रस्ट के वित्त नियंत्रण का अधिकार हरिद्वार के जिलाधिकारी के पास है। इसके बाद भी प्रभावशाली आरोपी मिलकर पुलिस प्रशासन के संरक्षण में अपनी मनमानी लगातार कर रहे हैं। कहाकि इनके द्वारा कारित अपराध गंभीर प्रकृति का है। इस संबंध में वे लगातार वर्ष 2018 से पत्राचार कर रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारी सार्वजनिक हित को महत्वता ना देकर प्रभावशाली आरोपियों को संरक्षण प्रदान कर रहे हैं, जो चिंताजनक है।
वासू सिंह ने प्रकरण की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए आरोपी व अन्य जो जांच के दायरे में आते हो के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज करने हेतु संबंधित को आदेशित करने का अनुरोध किया है। वासू सिंह ने मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार, मुख्य सचिव उत्तराखंड शासन, देहरादून, पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड, देहरादून, जिलाधिकारी हरिद्वार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार को भी पत्र की प्रति प्रेषित की है।