गोपेश्वर (चमोली)। उत्तराखंड जल संस्थान के गोपेश्वर डिविजन में अधिशासी अभियंता का पद 5 माह से खाली चलने के कारण विभागीय गतिविधियां ठप्प पड़ गई है। इससे जल जीवन मिशन जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं भी प्रभावित होने लगी है।

गोपेश्वर डिविजन के अधिशासी अभियंता श्रीवास्तव का कार्यकाल 31 जनवरी को समाप्त हो गया था। सेवानिवृत्ति के पश्चात अभी तक इस पद पर कोई नई तैनाती नहीं हो पाई है। इस कारण विभागीय गतिविधियां ठप्प पड़ गई है। दशोली, जोशीमठ, पोखरी तथा नंदानगर ब्लॉको के साथ  बदरीनाथ राजमार्ग पर पेयजल व्यवस्था का  जिम्मा इसी डिविजन के भरोसे है। अधिशासी अभियंता का पद खाली पड़े रहने से कामकाज पर बुरा असर पड़ रहा है। जल जीवन मिशन जैसी योजनाएं भी अधिशासी अभियंता के न होने से बुरी तरह प्रभावित होती जा रही है। इस कारण भौतिक तथा वित्तीय लक्ष्यों की प्राप्ति भी नहीं हो पा रही है। कई इलाकों में पेयजल संकट गहराता जा रहा है किंतु विभाग का कोई पूछनहार नहीं है।

जोशीमठ के पूर्व प्रमुख प्रकाश रावत ने कहा कि जल संस्थान जैसे महत्वपूर्ण विभाग में अधिशासी अभियंता का न होना चिंता का विषय बना हुआ है। उन्होंने कहा कि आम जनता से जुड़े जल संस्थान को राम भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता। इसलिए उच्चाधिकारियों को तत्काल अधिशासी अभियंता की तैनाती करनी चाहिए। उनका कहना है कि ऐसा नहीं किया गया तो जन प्रतिधिनियों को साथ लेकर आंदोलन छेड़ा जाएगा।

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