गोपेश्वर (चमोली)। जोशीमठ-औली रोपवे के संचालन करने की कवायद शुरू हो गई है। बताते चलें कि वर्ष 2023 में जोशीमठ नगर के भू-धंसाव की जद में आने के कारण जोशीमठ-औली रोपवे का संचालन भी बंद कर दिया गया था। बताया गया था कि बेस में भू-धंसाव के चलते ही रोपवे के संचालन को रोका गया था। ढाई वर्ष से रोपवे पर आवाजाही पूरी तरह प्रतिबंधित कर देने से पर्यटक रोपवे से औली तक की सैर नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि ढाई साल के अंतराल में बेसमेंट में भू-धंसाव के चलते दरारें नहीं आई। इससे माना जा रहा है कि बेसमेंट पूरी तरह सुरक्षित है। ढाई साल में रोपवे का संचालन कर रहे जीएमवीएन को करीब 15 करोड़ की आय से हाथ धोना पड़ा है। यही नहीं जोशीमठ से औली तक पर्यटक आवाजाही नहीं कर पाए। इससे चार किमी लंबाई की रोपवे से सैर करने की हसरत पाले पर्यटकों को मायूसी का सामना करना पड़ा है। इसका असर जोशीमठ तथा औली के पर्यटन कारोबारियों पर पड़ा है। विशेषज्ञों का कहना है कि टैक्निकल सर्वे के पश्चात रोपवे का संचालन कर दिया जाना चाहिए। इस मामले में अब हर तरफ से आवाज उठने लगी है। माना जा रहा है कि जीएमवीएन अब रोपवे संचालन की कवायद में जुट गया है।
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