गोपेश्वर (चमोली)। एनटीपीसी जोशीमठ के अंतर्गत निर्माणदायी संस्था एचसीसी की ओर से बिना नोटिस दिये श्रमिकों को हटाये जाने का विरोध करते हुए सोमवार को हटाये गये श्रमिकों की ओर से उपजिलाधिकारी जोशीमठ के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर हटाये गये श्रमिकों की पुनर्बहाली की मांग की है।

हटाये गये श्रमिकों के समर्थन में उतरे भाकपा माले के गढ़वाल सचिव अतुल सती तथा कांग्रेस के नेता कमल रतूड़ी का कहना है कि जोशीमठ में 2023 की आपदा के बाद सरकार की ओर से एनटीपीसी का कार्य रोक दिया गया था जिसके बाद न्यायालय की ओर से रोक को जारी रखा गया। जिस पर एनटीपीसी के अंतर्गत कार्यदायी संस्था एचसीसी ने नो वर्क नो पे के नाम पर श्रमिकों का वेतन रोक दिया गया। जबकि अन्य कंपनी रितिक की ओर से अपने श्रमिकों को लगातार वेतन दिया जाता रहा है। एक वर्ष बाद जब निर्माण कार्य शुरू हुआ तो कंपनी की ओर से स्थानीय श्रमिकों के साथ उपेक्षापूर्ण व्यवहार शुरू कर दिया और बिना नोटिस दिए स्थानीय श्रमिकों को काम से हटा दिया गया। उनका कहना है कि कंपनी की ओर से जल विद्युत परियोजना के लिए स्थानीय लोगों की भूमि, जंगल, पानी, चरागाह अधिग्रहित कर ली गई। कंपनी ने नियमों के विपरित 70 फीसदी स्थानीय बेरोजगार युवाओं को रोजगार भी मुहैया नहीं करवाया गया। और अब जिन लोगों को रोजगार दिया भी गया था उन्हें भी हटा दिया गया है। ऐसे में उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। श्रमिकों ने मुख्यमंत्री से गुहार लगायी है कि हटाये गये श्रमिकों की बहाली के साथ उनके रोके गये वेतन को दिलाया जाए ताकि उनकी आर्थिकी में सुधार हो सके। इस मौके पर अतुल सती, कमल रतूड़ी, श्रमिक विक्रम सिंह, राधाकृष्ण, सोहन नेगी, प्रदीप सिंह, सूर्य प्रकाश, मनोज लाल, रविंद्र लाल आदि मौजूद थे।

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