- परिजनों ने करवायी वन विभाग के कर्मी के खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज
गोपेश्वर (चमोली)। गोपेश्वर-चोपता-केदारनाथ हाइवे पर मंडल घाटी स्थित जड़ी बूटी शोध संस्थान से कुछ आगे दो स्कूली छात्र स्कूल से छूट्टी होने के बाद अपने घर से आडू लेकर यात्रियों को बेचने के लिए लाये थे कि इसी बीच वन विभाग के एक कर्मी इस स्थान को केदारनाथ वन प्रभाग का सेंचुरी एरिया बताते हुए उनके आडू की टोकरी को फेंक दिया और लाठी से बच्चों को बुरी तरह से पीट डाला। बच्चों के हाथ और पीठ पर लाठी के निशान बने हुए है। परिजनों ने बच्चों का मेडिकल करवा कर मंगलवार को थाना गोपेश्वर में प्राथमिक सूचना रिपोर्ट दर्ज की है।
वर्तमान समय में चारधाम यात्रा चरम पर है। यात्रा मार्ग पर अधिकांशतया देखा गया है कि स्थानीय स्कूली बच्चे छूट्टी होने के बाद अपने जेब खर्च के लिए स्थानीय उत्पाद बेचते हुए नजर आते है। ऐसे दो मंडल घाटी के दो बच्चे अभिषेक नेगी पुत्र भूपेंद्र सिंह नेगी जो बीए का छात्र है और उसके चाचा का लड़का रोहित नेगी पुत्र प्रकाश नेगी जिसने वर्तमान में इंटर की परीक्षा दी है। दोनों अपने घर से एक टोकरी में आडू लेकर यात्रियों को बेचने के लिए सोमवार की सांय को गोपेश्वर-मंडल-चोपता-केदारनाथ हाइवे पर जड़ी बूटी शोध संस्थान से आगे सड़क किनारे बैठे थे। पीड़ित बच्चों के परिजन भूपेंद्र नेगी और प्रकाश नेगी का आरोप है कि जब बच्चे सड़क किनारे आडू बेच रहे थे कि अचानक आरोपित वन दरोगा नरेंद्र रावत वहां पहुंचा और स्कूली बच्चों की आडू की टोकरी को फेंक कर उन्हें लाठी से मारना शुरू किया। बच्चे किसी तरह वहां से भागकर अपने परिजनों के पास आये। जिस पर परिजनों ने पहले बच्चों का जिला चिकित्सालय गोपेश्वर में मेडिकल करवाया और उसके बाद आरोपित वन दरोगा नरेंद्र रावत के खिलाफ थाना गोपेश्वर में प्राथमिकी दर्ज की है। घटना को लेकर पूरे क्षेत्र में केदारनाथ वन प्रभाग के प्रति काफी रोष व्याप्त है। स्थानीय निवासी रविंद्र नेगी, रविंद्र बत्र्वाल का कहना है कि सड़क के किनारे आडू बेच रहे बच्चों के साथ केदारनाथ वन प्रभाग के कर्मी पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए और ऐसा दोबारा न हो इसका भी वन विभाग को ध्यान रखना चाहिए।
अब यहां सवाल यह उठाता है कि सड़क के किनारे आडू बेचने से किस प्रकार से सेंचुरी एरिया के नियमों का उल्लघंन हो रहा है। जबकि वन विभाग उस समय सोया रहता है जब उनकी ही एरिया में अतिक्रमण हो जाता है और वन विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा रहता है। यहां तक कि नंदादेवी वायस्फियर रिजर्व के निदेशक के कार्यालय के ठीक नीचे रूद्रा वन बना है जहां पर अतिक्रमण हो रहा है वहां पर केदारनाथ वन प्रभाग आंख बंद किये हुए है जबकि यह स्थान जिला मुख्यालय पर स्थित है।
मेरी ओर से घटना का संज्ञान लिया गया है तथा इसकी जांच कराई जा रही है। यह अत्यंत शर्मनाक और दुखद घटना है। इस तरह की की कोई घटना आगे न हो इसके लिए सख्त निर्देश दिए जा रहे है।
इंद्रसिंह नेगी, प्रभागीय वनाधिकारी, केदारनाथ वन प्रभाग गोपेश्वर, चमोली