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गोपेश्वर (चमोली)। विटोरिया क्रॉस विजेता दरबान सिंह नेगी के पैतृक गांव कफारतीर को नारायणबगड ब्लॉक मुख्यालय से जोड़ने वाली सड़क खास्ताहाल होने के कारण ग्रामीणों को आवाजाही में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसको लेकर क्षेत्रीय जनता में खासा आक्रोश पनप रहा है।

जहां एक ओर सरकार की ओर से मुख्य सड़कों 31 अक्टूबर तक सड़कों को गढ्डा मुक्त किए जाने की बात की जा रही है वहीं दूसरी ओर ग्रामीण सड़कों की ओर कोई ध्यान न दिए जाने से सड़के जानलेवा बनी हुई है। नलगांव से कफारतीर को जोड़ने वाली 9 किमी सड़क  के पहले चरण का कार्य वर्ष 2018 में पूरा हो चुका है लेकिन सात वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी तक सड़क का डामरीकरण नहीं किया गया है। इस कारण उत्तरी कड़ाकोट क्षेत्र के लगभग 15 गांवों के ग्रामीणों को विकासखंड मुख्यालय नारायणबगड़ पहुंचने के लिए 42 किलोमीटर लंबा सफर तय करना पड़ता है। इससे ग्रामीणों का समय और धन दोनों जाया हो रहे है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि सड़क का अधिकांश हिस्सा चट्टानी है जो अधिकांश स्थानों पर क्षतिग्रस्त और ऊबड़-खाबड़ हो चुका है। नालियों के न होने से सड़क की सारी मिटी बह गई है। इससे राहगीरों के साथ वाहन चालकों को भी हमेशा दुर्घटना का खतरा बना रहता है।

क्षेत्रीय लोगों की ओर से इस संबंध में कई बार जिलाधिकारी और क्षेत्रीय विधायक से गुहार लगाई जा चुकी है लेकिन उनकी समस्या का समाधान मौजूदा समय तक नहीं हो पाया है। अब ग्रामीण इसको लेकर आंदोलन का मन बना रहे है।

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