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गोपेश्वर (चमोली)। अंतर्राष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस केदारनाथ वन प्रभाग व अलकनंदा भूमि संरक्षण वन प्रभाग की ओर से  जन जागरूकता रैली निकाली गई। अंतर्राष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस के अवसर पर गुरुवार को केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग, अलकनंदा भूमि संरक्षण वन प्रभाग ने जन-जागरूकता रैली निकाली गई। इस रैली में वन विभाग के कार्मिकों के साथ स्कूली छात्र-छात्राएं, ईडीसी के सदस्य तथा स्थानीय नागरिकों ने भाग लिया। इस अवसर पर प्रभागीय वनाधिकारी सर्वेश कुमार ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए हिम तेंदुए के महत्व और इसके संरक्षण की आवश्यकता पर जानकारी दी। कहा कि हिम तेंदुआ हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र का एक प्रमुख हिस्सा है तथा भारत सरकार ने इसे फ्लैगशिप स्पेसीज घोषित किया है। इससे हिम तेंदुए के साथ-साथ संपूर्ण हिमालयी पारिस्थितिकी को भी विशेष संरक्षण प्राप्त होता है। बताया कि वर्तमान में देश में हिम तेंदुओं की संख्या 718 है। उत्तराखंड 124 हिम तेंदुओं के साथ देश में द्वितीय स्थान पर है। वर्ष 2019 की गणना के अनुसार नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान में 33 हिम तेंदुए पाए गए थे। इसी प्रकार केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग में भी पहली बार कैमरा ट्रैप में हिम तेंदुए की उपस्थिति दर्ज की गई है।

उप प्रभागीय वनाधिकारी मोहन सिंह ने कहा कि मौजूदा समय में केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग द्वारा डब्लूडब्लूएफ एवं एनसीएफ के साथ एमओयू के अंतर्गत पूरे संरक्षित क्षेत्र में कैमरा ट्रैप स्थापित किए गए हैं। आंकड़ों के अनुसार अब तक चार स्थानों पर हिम तेंदुओं की उपस्थिति दर्ज की जा चुकी है। वन्यजीव गणना की यह प्रक्रिया जारी है। इसके पूर्ण होने के बाद प्रभाग में हिम तेंदुओं की वास्तविक संख्या का आकलन किया जाएगा। वन विभाग के विशेषज्ञों का मानना है कि केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग में हिम तेंदुओं की संख्या नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान के लगभग बराबर हो सकती है। इस दौरान अधिकारियों द्वारा प्रतिभागियों को वन्यजीव संरक्षण की शपथ दिलाई गई तथा हिम तेंदुए सहित सभी वन्यजीवों के संरक्षण हेतु जनसहभागिता बढ़ाने का आह्वान किया गया।

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