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पोखरी (चमोली)। बरसात के दौरान भारी वर्षा और भूस्खलन के कारण किमोठा गांव की अनुसूचित जाति बस्ती के ट्रीटमेंट के लिए डीपीआर बनने के आदेशों से उम्मीदें जग गई है।

बताते चलें कि बरसात के दौरान किमोठा गांव के अतरी तोक में स्थित प्राचीन संस्कृत विद्यालय, गाँव के मुख्य रास्ते पर कुछ मकानों, गौशालाओं तथा कृषि भूमि को भारी नुकसान पहुंचा  था । इसके बाद भी आपदा प्रभावित क्षेत्र का ट्रीटमेंट न होने के कारण खतरा अभी टला नहीं है। किमोठा के प्रधान हरिकृष्ण किमोठी ने मुख्यमंत्री तथा मुख्यमंत्री सचिव को ज्ञापनर भेजकर प्रभावित क्षेत्रों के ट्रीटमेंट तथा पुनर्वास कार्यक्रम संचालित करने का आग्रह किया था। इस पर यूपीडीसीसी के प्रमुख अभियंता तथा प्रबंधन निदेशक ने सिंचाई के अधीक्षण अभियंता को निर्देशित किया कि किमोठा गांव की अनुसूचित जाति बस्ती, अतरी तोक, शिवालय, संस्कृत विद्यालय तथा ग्राम के पैदल मार्ग, गौशालाएं, और कृषि भूमि में हुए नुकसान का स्थलीय निरीक्षण कर डीपीआर तैयार करें। प्रधान किमोठी ने उम्मीद  जताई कि इससे प्रभावित क्षेत्र के पुनर्निमाण कार्यों की उम्मीद जग गई है।

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