गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले में बदरीनाथ हाइवे पर उमट्टा, नंदप्रयाग तथा भनीरपाणी स्लाइड जोन आवाजाही के लिए मुसीबत का सबब बन गए है। इससे स्थानीय लोगों तथा तीर्थयात्रियों को घंटों तक यहां पर फंसे रहना पड़ रहा है।
बदरीनाथ हाइवे उमट्टा, नंदप्रयाग तथा भनीरपाणी में स्लाइड जोन उभर गए है। पिछले साल कमेडा, नंदप्रयाग, क्षेत्रपाल तथा पागलनाला स्लाइड जोन मुसीबत का सबब बन गए थे। इससे हर रोज हाइवे पर यातायात प्रभावित हो रहा था। स्थानीय लोग तथा तीर्थयात्री गतंव्य तक नहीं पहुंच पा रहे थे। कमेडा तथा नंदप्रयाग स्लाइड जोन पर मुसाफिरों का निकलना मुश्किल हो रहा था। पिछले दौर में ही चटवापीपल में भी स्टाइड जोन मुसीबत का सबब बन गया था।
चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने कमेडा तथा नंदप्रयाग स्लाइड जोन से मलवा हटाने का बीडा। उठाया इसके चलते यात्रा से पूर्व कमेडा तथा नंदप्रयाग स्लाइड जोन से मलवा हटाकर हाइवे को सुव्यवस्थित कर दिया गया। कमेडा में तो इस बार प्रकृति मेहरबान रही और यातायात सुचारू रूप से चलता रहा किंतु बारिश का दौर शुरू होते ही उमट्टा, नंदप्रयाग और भनीरपाणी स्लाइड जोन जी का जंजाल बन गए है। हर रोज इन स्थानों पर यातायात का अवरूद्ध होना आम बात हो गई है। इसके चलते लोग जोखिम भरा सफर तो कर ही रहे हैं अपितु घंटों अवरूद्ध मार्ग पर जगह-जगह फंस रहे है। जिला प्रशासन के लिए भी स्लाइड जोन जी का जंजाल बन गए है। डीएम तिवारी तो हर रोज इन स्थानों की स्वयं मॉनिटरिंग कर संबंधित कार्यदायी संस्थाओं दिशा निर्देश दे रहे है। सड़क मार्ग जल्द न खुलने की स्थिति में तीर्थयात्रियों को चायपानी, बिस्कुट और पेयजल की व्यवस्था करवाई जा रही है। लोगों की सुरक्षित आवाजाही के लिए पुलिस बल को भी तैनात किया जा रहा है। बावजूद इसके हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे है। लगातार भू-स्खलन से मिट्टी और बोल्डर गिरते जा रहे है। यानि मार्ग खुलने पर भी पत्थरों के गिरने की आशंका बनी रहने से लोग जान हथेली पर रख कर आवाजाही को विवश है। इस तरह के हालातों ने स्थानीय लोगों के साथ ही तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों को परेशानी में डाल दिया है। कभी-कभी तो छोटे वाहनों के लिए मार्ग खुल रहा है किंतु बसों और ट्रकों के लिए आवाजाही आसान नहीं हो पा रही है। इस तरह के हालातों ने आम लोगों को मुश्किलों में डाल दिया है। ऐसा इसलिए कि साग सब्जी से लेकर रसद और निर्माण सामग्री भी समय पर नहीं पहुंच पा रही है। अभी बरसात चरम पर है। इसके चलते परेशानी कम नहीं हुई है।