गोपेश्वर (चमोली)। वन पंचायत परामर्शदात्री समिति चमोली की ओर से शुक्रवार को चमोली जिला मुख्यालय गोपेश्वर में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया गया तथा जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में सांकेतिक धरना देते हुए एक ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजकर अपनी मांगों के समाधान की मांग की है।
परामशदात्री समिति के जिलाध्यक्ष कैलाश चंद्र खंडूरी का कहना है कि एक लंबे समय से उनका संगठन अपनी मांगों को लेकर वन विभाग के आलाधिकारियों से गुहार लगाता आ रहा है लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा है जबकि समिति के सदस्य हर वर्ष बिना किसी संसाधन के वन विभाग के साथ मिलकर तथा स्वयं ग्रामीणों के साथ वनाग्नि से जंगलों को बचाने में लगे रहते है। समिति की ओर से कई बार उन्हें वनाग्नि की रोकथाम के लिए संसाधन उपलब्ध करवाये जाने की मांग की जाती रही है। उन्होंने कहा कि उनकी मांग है कि उन्हें हर वर्ष वनों को बचाने के लिए वित्तीय सहायता दी जाए, वन पंचायतों में वन विभाग की ओर से ठेकेदारी प्रथा को समाप्त किया जाए, ठोस आधुनिक वन कानून बनाया जाए आदि शामिल है। उन्होंने कहा कि यदि शीघ्र ही ऐसा नहीं किया जाता है तो वन पंचायत सरपंचों को आगामी विधान सभा सत्र के दौरान प्रदर्शन करने को विवश होना पड़ेगा। धरना प्रदर्शन में कैलाश चंद्र खंडूरी, हरीश नेगी, महिपाल सिंह, वीर सिंह, केवल सिंह, विमला देवी, उषा देवी आदि शामिल थे।

