गोपेश्वर (चमोली)। सीमांत क्षेत्र नीती घाटी को यातायात सुविधा मुहैया कराने के लेकर गिर्थी नदी में मलारी बुरांश के पास बीआरओ ने 17 दिनों की मशक्कत के बाद वेली ब्रिज को सुचारु कर दिया है। सीमा सड़क संगठन के शिवालिक परियोजना के चीफ इंजीनियर ब्रिग्रेडियर प्रसन्ना जोशी ने वेली ब्रिज का निरीक्षण कर इसे सुरक्षा मामले में जांच के बाद क्लीन चिट देते हुए यातायात शुरु करने को कहा है।

गौरतलब है कि 16 अप्रैल को जोशीमठ नीति हाइवे मलारी के पास बुंराश नामक स्थान पर गिर्थी नदी पर बना गार्डर पुल मलबे से लदे ट्रक के गुजरने के दौरान टूट गया था। इस पुल के टूटने के साथ अबेडमेंट को भी क्षति पहुंची थी। बीआरओ ने हालांकि तब दो दिनों के अंतर्गत ही अस्थाई रास्ता बनाकर आवाजाही शुरु कर दी थी, लेकिन पानी बढ़ने के साथ यहां वाहनों की आवाजाही बाधित हो रही थी। जिससे नीति घाटी के ऋतु प्रवासी अपने घरों को लौटने के दौरान यहां पर फंस रहे थे। बीआरओ ने वेली ब्रिज बनाने का कार्य शुरु करते हुए अबेडमेंटों की मरम्मत के साथ वेली ब्रिज को रिकॉर्ड 17 दिनों में सुचारु कर दिया है। शिवालिक परियोजना के चीफ इंजीनियर ब्रिग्रेडियर प्रसन्ना जोशी ने वेली ब्रिज से टेस्टिंग के लिए भारी वाहन की आवाजाही कराई। इस दौरान तकनीकी जांच कर सुरक्षित मानते हुए वाहनों की आवाजाही सुचारु करने के निर्देश स्थानीय अधिकारियों को दिए गए।

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