गोपेश्वर (चमोली)। जिलाधिकारी चमोली हिमांशु खुराना की अध्यक्षता में शुक्रवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत गठित जिला सलाहकार समिति की बैठक हुई। जिसमें पीसीपीएनटी के अन्तर्गत संचालित कार्यो की गहनता से समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि अल्ट्रासाउंड केन्द्रों का नियमित निरीक्षण किया जाए। कम लिंगानुपात वाले क्षेत्रों में सामाजिक संगठनों के सहयोग से विशेष जागरूकता कार्यक्रम संचालित किए जाए। गर्भवती महिलाओं को लेकर आशा के माध्यम से कराए गए सर्वे कार्यो का भी रेन्डमली निरीक्षण किया जाए। इस दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गैरसैंण के अल्ट्रासाउंड केन्द्र का नवीनीकरण करने और कर्णप्रयाग और जोशमठ में अल्ट्रासाउंड केन्द्र खोलने के लिए प्राप्त आवेदनों पर चर्चा के साथ ही जनपद में संचालित सरकारी एवं निजी अल्ट्रासाउंड केन्द्रों की ओर से भरे जा रहे फार्म एफ की समीक्षा भी की गई।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.राजीव शर्मा ने बताया कि आशा सर्वे-2022 के अनुसार जनपद में 0-6 वर्ष के बच्चों का लिंगानुपात 959 है। जिले में कुल 21 अल्ट्रासाउंड केन्द्र पंजीकृत है, जिसमें से 13 केन्द्र सीज है। जबकि सात सरकारी और तीन प्राइवेट अल्ट्रासाउंड केन्द्र संचालित है। गर्भवती महिलाओं की प्राथमिक जांच के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से निगरानी रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति लिंग निर्धारण जैसी अवैध गतिविधियों के संबंध में गोपनीय सूचना दे सकता है।
बैठक में जिला समन्वयक संदीप कण्डारी ने पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत संचालित कार्यो से अवगत कराते हुए अल्ट्रासाउंड केन्द्रों से संबधित प्रस्ताव समिति के समक्ष रखे। जिस पर चर्चा के बाद आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। इस दौरान अपर जिलाधिकारी डा. अभिषेक त्रिपाठी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 राजीव शर्मा, रेडियोलॉजिस्ट डा. अलिन्द पोखरियाल, बाल रोग विशेषज्ञ डा.संदीप निगम, डीजीसी फौजदारी प्रकाश भण्डारी, हिमांद संस्था के सचिव उमा शंकर बिष्ट सहित अन्य सदस्य मौजूद थे।