शहीदे आजम भगत सिंह के शहादत दिवस पर भारत की जनवादी नौजवान सभा ने आयोजित किया सेमिनार

गोपेश्वर (चमोली)। भारत की जनवादी नौजवान सभा की चमोली जिला इकाई जनपद की ओर से गुरूवार को जिला पंचायत सभागार गोपेश्वर में शहीदे आजम भगतसिंह की 93वीं शहादत दिवस पर कारपोरेट लूट और बेरोजगारी तथा सांप्रदायिकता के दौर में भगत सिंह की प्रसंगिकता विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया।

सेमिनार में बोलते हुए डीवाईएफआई के जिलाध्यक्ष कमलेश गौड ने कहा कि शहीद ए आजम भगत सिंह साम्राज्यवाद से लड़ते हुए शहीद हो गए उन्होंने साम्राज्यवाद के खतरों और साम्राज्यवादी शक्तियों की ओर से जनता की एकता को छिन्न-भिन्न करने के लिए हिंदू, मुस्लिम बिखराव की नीति को अंजाम देते हुए फूट डालो राज करो की नीति अंग्रेजों की थी वही वर्तमान शासक पार्टी भी है जिसके चलते कॉरपोरेट घरानों की तिजोरी को भरने का काम कर रही है। उन्होंने सरकारों की तमाम तरह की जनविरोधी नीतियों के विरुद्ध संगठित संघर्ष के लिए आह्वान किया।

सेमिनार में बतौर मुख्य वक्ता रुद्रप्रयाग जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष और किसान सभा के प्रांतीय महामंत्री गंगाधर नौटियाल ने कहा कि आजादी के रणबांकुरे ने जिस खुशहाल भारत का सपना सजाया था। जिसके चलते देश में बड़े पैमाने पर सार्वजनिक क्षेत्र का विकास और विस्तार हुआ। कृषि के क्षेत्र में कृषि अनुसंधान कृषि विश्वविद्यालय वैज्ञानिकों ने उन्नत खाद और बीज के जरिए किसानों को सरकारी नीति के तहत सब्सिडी पर दी जाती थी। जिसके कारण देश में खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल की लेकिन वर्तमान सरकार इसी क्षेत्र को खत्म करना चाहती है, यही नहीं वह मजदूरों के लंबे संघर्षों से अर्जित श्रम कानूनों को भी खत्म करना चाहती है और हमारे आजादी के बाद खड़े किए गए बड़े-बड़े सार्वजनिक उद्योगों को आज सरकार कौड़ियों के भाव कॉरपोरेट घरानों को बेच रही है। उन्होंने कहा कि बाकी यह कहने की बातें हैं सबका साथ सबका विकास विकास भी कॉरपोरेट का हो रहा है और मुनाफा भी उन्हीं को पहुंचाया जा रहा है। आम जनता कुपोषण, भुखमरी, बेकारी और लाचारी का जीवन जीने के लिए मजबूर है, जैसा अंग्रेजी साम्राज्यवाद के दौरान गुलाम भारत में जनता जीने को मजबूर थी। उन्होंने वैकल्पिक नीतियों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि जिस तरह से किसानों ने किसान विरोधी तीन कृषि कानूनों को व्यापक किसान एकता के बल पर केंद्र सरकार से अपने संघर्ष के बदौलत वापस कराने में सफलता हासिल की और देश का श्रमिक वर्ग चारों श्रम कानूनों को वापस लेने के लिए संघर्षरत है।

उन्होंने अप्रैल को दिल्ली में मजदूर किसान रैली का आयोजन किया जा रहा है उसमें बढ़-चढ़कर भाग लेने अपील की। इस मौके पर कर्मचारी महासंघ के पूर्व अध्यक्ष शिव सिंह नेगी, पीपीआईडी के प्रदेश महामंत्री पीएल बैछवाल, जनवादी महिला समिति की नेत्री पुष्पा किमोठी, कर्णप्रयाग महाविद्यालय के छात्र नेता अरमान कठैत, र्व किसान नेता राजपाल कन्याल, किसान सभा के जिला मंत्री ज्ञानेंद्र खंतवाल, सीटू के जिला अध्यक्ष मदन मिश्रा, जनवादी नौजवान सभा के गजे सिंह बिष्ट, उत्तराखंड क्रांति दल के जिलाध्यक्ष दीपक फरस्वाण, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष मुकेश नेगी, हरिकृष्ण भट्ट, नौजवान सभा के जिला मंत्री राजेंद्र नेगी, किसान सभा के जिला उपाध्यक्ष भुपाल सिंह रावत, बस्ती लाल, गीता बिष्ट, नरेंद्र रावत, आप पार्टी के नेता अनुराग पोखरियाल, आप नेता अनूप रावत, पालिका पार्षद राजेन्द्र लाल आदि ने अपने विचार रखे।

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