देश भर में बागेश्वर सरकार पंडित धीरेंद्र शास्त्री और उनका दिव्य दरबार चर्चा में है। धीरेंद्र शास्त्री लोगों के मन की बात बिना बताए जानने और उनकी समस्याओं के समाधान का दावा करते हैं। धीरेंद्र शास्त्री इसके लिए दिव्य दरबार भी लगाते हैं। ऐसा ही दिव्य दरबार छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी लगा।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि हमको व्यक्तिगत उनके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। रायपुर में क्या कार्यक्रम हो रहा है, इसकी भी हमें पूरी जानकारी नहीं है। ज्योतिष शास्त्र के आधार पर अगर वहां कोई भविष्य कहा जा रहा है तो वह शास्त्र की कसौटी पर है, उसको हम मान्यता देते हैं। हमारा यह कहना है कि जो भी धर्मगुरुओं के द्वारा कहा जाए वह शास्त्र की कसौटी पर कसा हुआ होना चाहिए, मनमाना नहीं होना चाहिए। अगर किसी शास्त्र की कसौटी पर कसा हुआ गुरु के मुख से कोई बात निकल रही है तो उसको हम मान्यता देते हैं।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि चमत्कार दिखाने वाले जोशीमठ आकर धसकती जमीन रोककर दिखाएं। फिर हम उनकी जय, जयकार करेंगे, नमस्कार करेंगे। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने एक तरह से बातों बातों में धीरेंद्र शास्त्री बागेश्वर महाराज को चुनौती दे डाली। अविमुक्तेश्वरानंद ने इस दौरान भक्तों को वेदों, शत्रो में लिखी बातों को बताते हुए कहा कि आज के समय मे राजा ऐसा होना चाहिए जो विलासिता की जिंदगी जीने की बजाए सामान्य जीवन जीकर जनता को उनकी जीवन जीने में आ रही परेशानी से राहत पहुंचाए। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने उदाहरण देते हुए बताया कि यदि राजा कुछ सालों के लिए राजा बनाया जाए तो वह अपनी भविष्य की चिंता करते हुए ऐशो आराम में रहने के प्रबंध करेगा। जिस ऐशोआराम में वह राजा रहते हुए करता रहा है, इसलिए राजा को हमेशा सामान्य जीवन जीना चाहिए, ताकि फिजूलखर्ची कम हो और इससे जनता को महंगाई से राहत मिले।