गोपेश्वर (चमोली)। चमोली जिले में नगदी फसलों का दायरा बढ़ाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाए, ताकि किसानों की आजीविका सुदृढ़ हो सके। मुख्य विकास अधिकारी डॉ ललित नारायण मिश्र ने कृषि, उद्यान, उद्योग, मत्स्य, पशुपालन सहित तमाम रेखीय विभागों की बैठक लेते हुए यह निर्देश दिए।

मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि जिले में चाय बागान, कीवी, आंवला, अदरक, हल्दी और अन्य मसाले उत्पादन की भरपूर संभावनाएं हैं। इन फसलों को जंगली जानवर भी नुकसान नही पहंुचाते है। जिले में सेब, नाशपाती, अखरोट जैसी नगदी फलों का क्षेत्रफल बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रत्येक विकासखंड में नकदी फसलों का क्षेत्रफल बढाने की दिशा में ठोस पहल की जाए। चाय उत्पादन वाले संभावित क्षेत्रों को चिन्हित करते हुए प्रस्ताव उपलब्ध करें। कीवी उत्पादन से अधिक से अधिक काश्तकारों को जोड़ा जाए। दूध एवं मत्स्य उत्पादन को बढ़ाया जाए। किसानों को नकदी फसलों की उच्च गुणवत्तायुक्त ब्रांडिंग, पैकेजिंग का प्रशिक्षण देकर बाजार से जोडा जाए। पशुचारे के लिए बंजर भूमि पर नैपियर घास उगायी जाए।

सीडीओ ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि महिला समूहों पर फोकस करते हुए क्लस्टर एप्रोच और मनरेगा कन्वर्जेंस के साथ योजनाओं का प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन करना सुनिश्चित करें। ताकि जनपद के किसानों की आर्थिकी सुदृढ हो सके। इस अवसर पर परियोजना निदेशक आनंद सिंह, जिला विकास अधिकारी सुमन राणा, सीएचओ तेजपाल सिंह, सीएओ विजय प्रका मौर्य, सीवीओ डा.प्रलंयकर नाथ सहित रेखीय विभागों के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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